पिंकी की चुत का भोसड़ा बनाया

फिर थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने जल्दी से उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिए और अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी। दोस्तों उसके कातिल सेक्सी गोरे बदन को देखकर मेरा मन ललचाने लगा था। उस कामुक गोरे बदन पर उसकी वो काली कलर की ब्रा, पेंटी और भी उसकी सुन्दरता को बढ़ा रही थी। सच पूछो तो वो उस समय काम की देवी लग रही थी और में उस समय अपने पूरे जोश में था। तभी उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और में अब उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था।

मेरा लंड अंडरवियर में तनकर खड़ा था, जिसको देखकर वो मन ही मन मुस्कुरा रही थी। फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही दोनों बूब्स को बारी बारी से दबाना और चूसना शुरू किया तो वो अब गरम होकर सिसकियाँ भरने लगी और फिर मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी ब्रा को भी उतार दिया और अब तो उसके गोल गोल बूब्स को देखकर मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने उन्हे ज़ोर ज़ोर से चूसना और दबाकर निचोड़ना शुरू कर दिया। फिर वो और भी ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और कुछ देर बाद उसने मुझे दूर कर दिया और वो मेरा अंडरवियर उतारकर मेरे लंड से खेलने लगी और फिर उसने अपने होंठ मेरे लंड पर रख दिए।

दोस्तों मुझे तो मानो जन्नत मिल गयी हो ऐसा मज़ा आ रहा था। फिर उसने धीरे धीरे मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया। मुझे मज़ा आने लगा और में उसके सर को पकड़कर अपने लंड पर दबाने लगा, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसके गले तक जा रहा था और वो बहुत मजे लेकर चूस रही थी। उसके कुछ देर चूसने के बाद में उसके मुहं से ही झड़ गया और उसने लंड को बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन मैंने अपना पूरा दम लगाकर उसको रोके रखा और फिर उसने मेरा पूरा गरम गरम वीर्य अपने गले में भरकर बाहर थूक दिया। फिर मैंने उसे लेटा दिया और में उसे किस करते हुए उसके बूब्स तक पहुंचा। बूब्स को चूसते चूसते में उसकी चूत में भी उंगली करने लगा। तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट, आकार में छोटी सी, गरम और पूरी गीली हो चुकी थी, वो अब सिसकियाँ भरने लगी थी।

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अब में धीरे धीरे उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटते हुए उसके नीचे तक आ गया और अब उसकी चूत पर जीभ घुमाने लगा। फिर उसने मेरा सर पकड़ लिया और चूत पर दबाने लगी और अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी। में भी उसकी चूत को चाट रहा था और जीभ को उसकी चूत में अंदर तक घुसाकर उसे चोदने की कोशिश कर रहा था, वो भी जोश में आकर मुझसे कहने लगी कि प्लीज आईईईइ अब और ज़्यादा मत तड़पाओ उफफ्फ्फ्फ़ और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो आह्ह्ह्ह में अब ज्यादा नहीं सह सकती। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक हल्का सा धक्का दिया, लेकिन मेरा लंड बिल्कुल भी अंदर नहीं गया और फिर मैंने दोबारा थोड़ा और ज़ोर से धक्का लगाया तो मेरा लंड हल्का सा अंदर गया और वो झटके से पीछे हट गई और वो मुझसे बोली कि तुम बस अब रहने दो, तुम्हारा लंड ज्यादा अंदर नहीं जाएगा, मुझे बहुत दर्द होगा, प्लीज अब मुझे छोड़ दो।

फिर दोस्तों मैंने उसे बहुत प्यार से समझाया और उससे कहा कि पहली पहली बार सेक्स करने में थोड़ा दर्द जरुर होता है, लेकिन उस दर्द का मज़ा भी कुछ और ही होता है, तुम्हे भी थोड़ा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद तुम्हे बहुत अच्छा लगने लगेगा और उस अनुभव को पाकर तुम मन ही मन बहुत अच्छा महसूस करोगी। फिर मैंने अपने लंड को दोबारा से उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक ज़ोर से धक्का दे दिया तो हल्का सा लंड अंदर चला गया और उसके मुहं से चीख निकल गई। मैंने झट से अपना हाथ उसके मुहं पर रख दिया और एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ रखा था, वो मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने नहीं जाने दिया और वो उस दर्द से बहुत ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी। फिर वो मुझसे लंड को बाहर निकालने के लिए कह रही थी, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात ना सुनी और में उसी पोज़िशन में धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा। फिर वो कुछ देर बाद जाकर थोड़ा शांत हुई और मैंने देखा कि उसकी आँखों से आँसू बाहर आ रहे थे।

फिर मैंने थोड़ी देर बाद एक और तेज़ झटका दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और उसकी साँस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गई। उसका आधे से ज्यादा बदन बिस्तर से ऊपर उठ चुका था, वो चिल्लाना चाहती थी, लेकिन मैंने उसका मुहं बंद किया हुआ था और अब वो रो रही थी, वो मुझसे लगातार छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने भी उसकी कमर को बहुत कसकर पकड़ा हुआ था।

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फिर ऐसे ही मैंने मौका देखकर एक और तेज़ झटका दे दिया। जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और उसकी आँखों से आँसू गिरने लगे, उसे बहुत दर्द हो रहा था और फिर में थोड़ी देर ऐसे ही रहा और वो भी धीरे धीरे शांत होने लगी। उसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था और वो एकदम निढाल होकर चुपचाप पड़ी हुई थी। अब मैंने उसके मुहं से अपना हाथ हटा लिया और उसे किस करने लगा और धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम शांत हो गई थी। फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चुदाई करना शुरू किया तो उसे अब भी बहुत दर्द हो रहा था और वो मुझे धक्के देने से रोक रही थी, लेकिन में धीरे धीरे चुदाई करता रहा। फिर थोड़ी देर बाद उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था और वो भी अब अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी थी।

में समझ गया कि इसे भी मज़ा आ रहा है, तो मैंने अपने धक्कों की हल्की हल्की स्पीड को बढ़ा दिया और उसे चोदने लगा और अब पिंकी भी अपने पूरे जोश में आ गई थी और वो मुझसे लगातार तेज़ तेज चुदाई करने के लिए बोलने लगी थी, वो कह रही थी हाँ थोड़ा और अंदर जाने दो उफ्फ्फ्फ अब जब तुमने इतना अंदर आह्ह्हह्ह डाल ही दिया है तो फिर क्यों अच्छे से नहीं चोदते, तुम्हे अब किस बात का डर है उईईईईइ माँ तुम्हारा लंड बहुत मोटा है, हाँ पूरा अंदर तक जाने दो स्स्सईईईईईई। फिर मैंने भी उसकी बात को सुनकर और भी जोश में आकर उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और अब मैंने उसे तेज़ तेज़ झटके देना शुरू कर दिए। जिसकी वजह से वो पूरी हिलने लगी थी। उसके बूब्स हर एक धक्के पर आगे पीछे होने लगे थे और वो अब मेरे धक्कों से खुश होकर मस्त मस्त आवाज़ निकाल रही थी। मेरा मूड और ज़ोर से धक्के देने का बन रहा था और वो लगातार सिसकियाँ भरती जा रही थी। अब में उसके बूब्स को दबाता और कभी अपनी उंगली उसके मुहं में डाल देता और वो उसे बहुत प्यार से चूसती रही और ऐसे ही करीब 10-15 मिनट लगातार ताबड़तोड़ धक्के देकर चुदाई करने के बाद वो अब ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी और मैंने भी अपनी स्पीड को बड़ा दिया था और वो भी नीचे से अपने चूतड़ को उठा उठाकर मेरे साथ साथ धक्के दे रही थी और अब हम दोनों अपनी पूरी स्पीड से सेक्स करने लगे थे। फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि में अब झड़ने वाली हूँ। फिर वो और तेज़ होकर अचानक से रुक गई।

शायद वो उस समय झड़ चुकी थी और मुझे उसके चेहरे पर वो संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी और में भी उसको 10-15 धक्के देने के बाद झड़ गया और मैंने अपना सारा गरम लावा उसकी चूत की गहराईयों में छोड़ दिया। में कुछ देर वैसे ही रुका रहा और अपनी एक एक बूंद को चूत में गिराता रहा। उसके बाद हम दोनों किस करते रहे और एक दूसरे में खोने लगे। दोस्तों उस रात हमने तीन बार चुदाई करके बहुत मज़े लिए और उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया, वो हर बार बहुत ज्यादा जोश में आकर मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थी और मैंने भी हर बार उसकी चूत को बहुत अच्छी तरह से चोदकर उसकी आग को शांत किया और फिर सुबह करीब 5 बजे में उठकर उसी रास्ते से अपने घर पर आ गया और में उसकी चुदाई से बहुत थक चुका था, इसलिए में घर पर आते ही लेट गया और अब में अपनी पड़ोसन की वर्जिन चूत को चोदकर अपने घर पर आने के बाद मन ही मन उसकी चुदाई को लेकर सोचता रहा। में बहुत खुश था, क्योंकि आज मैंने उसकी सील को तोड़ दी थी।

फिर मुझे पता ही नहीं चला कि कब में सो गया, लेकिन उसके बाद मेरा जब भी उसकी चुदाई करने का मन करता, तो में उसको फोन कर देता और वो मुझे दोबारा फोन करके घर पर सभी के सो जाने और रास्ता साफ हो जाने पर बता देती और में तुरंत अपनी छत से होता हुआ उसके घर पर चला जाता और उसकी चूत को बहुत जमकर चोदता। दोस्तों मैंने ऐसा बहुत बार किया और अब उसको मेरे लंड की और मुझे भी उसकी चूत की एक जरूरत सी महसूस होने लगी थी, लेकिन फिर कुछ समय के बाद उसकी शादी हो गई और वो मुझे दूर अपने ससुराल चली गई ।।